Saturday, 13 February 2016

पुरानी खांसी रोकने में स्टेरॉयड का बाप है ये फॉर्मुला..इसे पढ़ें

पुरानी खांसी रोकने में स्टेरॉयड का बाप है ये फॉर्मुला..

















कुछ लोगों को खाँसी तीन हफ्तों से ज्यादा समय तक चलती रहती है और कई बार हालात कुछ इतने बिगड़ जाते हैं कि डॉ साहब आपकी दुरुस्ती के लिए स्टेरॉयड भी ठोंक देते है और जिसके दुष्परिणाम आप लंबे समय तक भुगतते रहते हैं। अब ऐसे नुस्खे की बात करता हूँ जिसनें सारे विज्ञान जगत की आंखे फाड़ दी है।

एक कप गर्मागर्म काली कॉफी (शक्कर और दूध बगैर) में २ चम्मच शहद डालकर रोज दिन में २ बार लिया जाए, 

हफ्ते भर में गजब के परिणाम मिलते हैं, पुरानी सी पुरानी खांसी भी छू मंतर होने में ज्यादा वक्त नहीं लेती है। पोस्ट इंफेक्शियस कफ़ की समस्या (जिसमें खांसी ३ हफ्तों से ज्यादा समय तक चल रही हो) से ग्रस्त ९७ रोगियों पर किए गए आधुनिक शोध में परिणाम चौंकाने वाले रहे। प्रायमरी रेस्पायरेट्री जर्नल में प्रकाशित ये शोध रिपोर्ट फिलहाल कई मल्टीनेशनल फार्मा कंपनियों की नींद उड़ाए बैठी है। सोचा ये जानकारी अपने मित्रों से भी साझा कर ली जाए..ठीक है ना?

(श्वेत पदर) (White Discharge) से बचाव के उपाए

स्त्री सेहत का दुश्मन -लयूकोरिया (श्वेत पदर)
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किसी भी चिकित्सिक परामर्श लेने वाली महिला 
80% श्वेतपरदर यानी सफेद पानी नामक चिरपरिचित रोग से किसी ना किसी रूप मे प्रभावित होती है यह महिलाओ को होने वाला सामान्य रोग है सबसे खास बात यह है कि अक्सर महिलाऐ इस रोग को छुपाती है चिकित्सक के पास जाना या सही इलाज मे लापरवाही करती है जो कि यह ठीक बात नही है

इसके होने के प्रमुख कारण 
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खून की कमी 
अधिक उपवास ( व्रत रखना )
गुप्तांग की अस्वच्छता 
शरीर की छमता से अधिक परिश्रम करना 
अधिक गर्भपात कराना
अधिक बच्चे पैदा करना 
मूत्र मार्ग मे इफॆकसन होना 
अधिक सोना या दिन मे सोना


बीमारी के कारण 
==========जैसे 
टी बी की बीमारी से ग्रस्त होने 
कब्जियत का काफी दिनो तक रहना 
पेट मे किडे होना
लिवर की खराबी होना 
खाना हजम न होना 
बार बार दस्त होना 
इसके अलावा मानसिक तनाव भावनात्मक इच्छाओ का दमन 
आदि तमाम कारण है लयूकोरिया के होने के कारण 


लचछण 
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कमर दर्द या पेडू का दर्द बार बार पेशाब होना, आखो के आगे अंधेरा छाना ,भूख न लगना, पेट साफ न होना, बार बार पेशाब लगना,पेट मे भारी पन, जी मचलना, चेहरे का फीकापन,
उपाय
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आंवला का चूर्ण आधा चम्मच दो चम्मच शहद दिन मे ले, 
दो पके केले रोज खाने से श्वेत पदर मे काफी आराम होता

पीलिया का उपचार


* पीलिया का आयुर्वेद में अचूक इलाज है। आयुर्वेद चिकित्सकों के अनुसार यदि मकोय की पत्तियों को गरम पानी में उबालकर उसका सेवन करें तो रोग से जल्द राहत मिलती है। मकोय पीलिया की अचूक दवा है और इसका सेवन किसी भी रूप में किया जाए स्वास्थ्य के लिए लाभदायक ही होता है।
* जब भी रोगी का यह लगे कि उसका शरीर पीला हो रहा है तथा उसे पीलिया हो सकता है, तो वह पानी की मात्रा बढ़ा दे क्योंकि पानी की मात्रा कम होने पर शरीर से उत्सर्जित होने वाले तत्व रक्त में मिल जाते हैं। इससे व्यक्ति की हालत बिगडऩे लगती है। चिकित्सक बताते हैं कि यदि कच्चा पपीता सलाद के रूप में लिया जाए तो भी पीलिया का असर कम होता है। कई लोग यह मानते हैं कि पीलिया के रोगी को मीठा नहीं खाना चाहिए जबकि आयुर्वेद चिकित्सक ऐसा नहीं मानते उनका कहना है कि पीलिया का रोगी गाय के दूध से बना पनीर व छेने का रसगुल्ला आराम से खा सकता है यह रोगी को कोई नुकसान नहीं बल्कि लाभ पहुंचाता है।
* नाश्ते में अंगूर ,सेवफल पपीता ,नाशपती तथा गेहूं का दलिया लें । दलिया की जगह एक रोटी खा सकते हैं।
* मुख्य भोजन में उबली हुई पालक, मैथी ,गाजर , दो गेहूं की चपाती और ऐक गिलास छाछ लें।
* करीब दो बजे नारियल का पानी और सेवफल का जूस लेना चाहिये।
* रात के भोजन में एक कप उबली सब्जी का सूप , गेहूं की दो चपाती ,उबले आलू और उबली पत्तेदार सब्जी जैसे मेथी ,पालक ।
* रात को सोते वक्त एक गिलास मलाई निकला दूध दो चम्मच शहद मिलाकर लें।
* सभी वसायुक्त पदार्थ जैसे घी ,तेल , मक्खन ,मलाई कम से कम १५ दिन के लिये उपयोग न करें। इसके बाद थौडी मात्रा में मक्खन या जेतून का तैल उपयोग कर सकते हैं। प्रचुर मात्रा में हरी सब्जियों और फलों का जूस पीना चाहिेये। कच्चे सेवफल और नाशपती अति उपकारी फल हैं।
* दालों का उपयोग बिल्कुल न करें क्योंकि दालों से आंतों में फुलाव और सडांध पैदा हो सकती है। लिवर के सेल्स की सुरक्षा की दॄष्टि से दिन में ३-४ बार निंबू का रस पानी में मिलाकर पीना चाहिये।
* मूली के हरे पत्ते पीलिया में अति उपादेय है। पत्ते पीसकर रस निकालकर छानकर पीना उत्तम है। इससे भूख बढेगी और आंतें साफ होंगी।
* धनिया के बीज को रातभर पानी में भिगो दीजिये और फिर उसे सुबह पी लीजिये। धनिया के बीज वाले पानी को पीने से लीवर से गंदगी साफ होती है।
* एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्मच पिसा हुआ त्रिफला रात भर के लिए भिगोकर रख दें। सुबह इस पानी को छान कर पी जाएँ। ऐसा 12 दिनों तक करें।
* जौ आपके शरीर से लीवर से सारी गंदगी को साफ करने की शक्‍ति रखता है।
* टमाटर में विटामिन सी पाया जाता है, इसलिये यह लाइकोपीन में रिच होता है, जो कि एक प्रभावशाली एंटीऑक्‍सीडेंट हेाता है। इसलिये टमाटर का रस लीवर को स्‍वस्‍थ्‍य बनाने में लाभदायक होता है।
* इस रोग से पीड़ित रोगियों को नींबू बहुत फायदा पहुंचाता है। रोगी को 20 ml नींबू का रस पानी के साथ दिन में 2 से तीन बार लेना चाहिए।
* आमला मे भी बहुत सारा विटामिन सी पाया जाता है। आप आमले को कच्‍चा या फिर सुखा कर खा सकते हैं। इसके अलावा इसे लीवर को साफ करने के लिये जूस के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं।
* यह एक प्राकृतिक उपाय है जिसेस लीवर साफ हो सकता है। सुबह सुबह खाली पेट 4-5 तुलसी की पत्‍तियां खानी चाहिये।
* जब आप पीलिया से तड़प रहे हों तो, आपको गन्‍ने का रस जरुर पीना चाहिये। इससे पीलिया को ठीक होने में तुरंत सहायता मिलती है।
* गोभी और गाजर का रस बराबर मात्रा में मिलाकर एक गिलास रस तैयार करें। इस रस को कुछ दिनों तक रोगी को पिलाएँ।
* रोगी को दिन में तीन बार एक एक प्लेट पपीता खिलाना चाहिए।
* टमाटर पीलिया के रोगी के बहुत लाभदायक होता है। एक गिलास टमाटर के जूस में चुटकी भर काली मिर्च और नमक मिलाएं। यह जूस सुबह के समय लें। पीलिया को ठीक करने का यह एक अच्छा घरेलू उपचार है।
* नीम के पत्तों को धोकर इनका रस निकाले। रोगी को दिन में दो बार एक बड़ा चम्मच पिलाएँ। इससे पीलिया में बहुत सुधार आएगा।
* पीलिया के रोगी को लहसुन की पांच कलियाँ एक गिलास दूध में उबालकर दूध पीना चाहिए , लहसुन की कलियाँ भी खा लें। इससे बहुत लाभ मिलेगा।
पीलिया में परहेज…!
* पीलिया के रोगियों को मैदा, मिठाइयां, तले हुए पदार्थ, अधिक मिर्च मसाले, उड़द की दाल, खोया, मिठाइयां नहीं खाना चाहिए।
* पीलिया के रोगियों को ऐसा भोजन करना चाहिए जो कि आसानी से पच जाए जैसे खिचड़ी, दलिया, फल, सब्जियां आदि।
एक और प्रयोग….!
*सरसों के तेल की खली १०० ग्राम का चूर्ण बना लें इस चूर्ण की १ चम्मच मात्रा१०० ग्राम दही में मिलाकर सुबह ८ – ९ बजे लें स्वाद अनुसार नमक या चीनी भी डाल सकते है एक सप्ताह लगातार लेने से पीलिया मल मार्ग से बाहर निकलजायेगा..लेकिन घीतेल में तली चीजो से १० दिनो तक परहेज करें एक सप्ताह में पीलिया जड से समाप्त हो जायेगा…!

सिर दर्द के रामबांड उपाय



१. तेज़ पत्ती की काली चाय में निम्बू का रस निचोड़ कर पीने से सर दर्द में अत्यधिक लाभ होता है.







२ .नारियल पानी में या चावल धुले पानी में सौंठ पावडर का लेप बनाकर उसे सर पर लेप करने भी सर दर्द में आराम पहुंचेगा.







३. सफ़ेद चन्दन पावडर को चावल धुले पानी में घिसकर उसका लेप लगाने से भी फायेदा होगा.


४. सफ़ेद सूती का कपडा पानी में भिगोकर माथे पर रखने से भी आराम मिलता है.

५. लहसुन पानी में पीसकर उसका लेप भी सर दर्द में आरामदायक होता है.


६. लाल तुलसी के पत्तों को कुचल कर उसका रस दिन में माथे पर २ , ३ बार लगाने से भी दर्द में राहत देगा.
७. चावल धुले पानी में जायेफल घिसकर उसका लेप लगाने से भी सर दर्द में आराम देगा.

८. हरा धनिया कुचलकर उसका लेप लगाने से भी बहुत आराम मिलेगा.



९ .सफ़ेद  सूती कपडे को सिरके में भिगोकर माथे पर रखने से भी दर्द में राहत मिलेगी.