Thursday, 11 February 2016

कैसे सोएं खर्राटों की आवाज के बीच चैन की नींद

खार्राटे अर्थात स्नोर न सिर्फ खर्राटे लेने वाले व्यक्ति के स्वास्थ के लिए अच्छे होते हैं                                   , बल्कि इसके परिजनों के लिए तो मानों एक भी भीषण समस्या की तरह होते हैं



                                                                                                        

 खर्राटों की आवाज और नींद

खार्राटे अर्थात स्नोर न सिर्फ खर्राटे लेने वाले व्यक्ति के स्वास्थ के लिए अच्छे होते हैं,
 बल्कि इसके परिजनों के लिए तो मानों एक भी भीषण समस्या की तरह होते हैं।
 किसी एक के खर्राटे कईयों की नींद के दुष्मन हो जाते हैं।
 खर्राटों की समस्या के कारण 39 फीसदी वयस्क एक रात में औसतन डेढ घंटे की नींद खो देते हैं।
 तो फिर भला इस समस्या से कैसे बचा जाए? चलिये बाताते हैं कि कैसे आप खर्राटों की आवाज के बीच भी चैन की नींद सो सकते हैं।


क्या कहते हैं आंकडे

एक नए अध्ययन में पता चला है कि इन खर्राटों के कारण हर साल पत्नियों की तीन सप्ताह की नींद बर्बाद होती है। शोधकर्ताओं ने इ स संबंध में 2,500 वयस्कों पर किए गए इस सर्वे में पाया कि खर्राटे इस हद तक बुरे सपने की तरह होते हैं कि 39 फीसद पत्नियां शांति से सोने के लिए दूसरे कमरे में चली जाती हैं। सर्वे में पता चला कि नौ जोडों में एक जोडा केवल खर्राटे की समस्या की वजह से स्थायी रूप से अलग सोता है। गौरतलब है कि खर्राटे भरने की आदत के लिए केवल पुरूष ही दोषी नहीं होते, महिलाएं भी जम कर खर्राटे लेती हैं। लेकिन इसमें पुरुष अव्वल दर्जे पर हैं।

व्हाइट नोइस

व्हाइट नोइस तटस्थ ध्वनि का एक प्रकार है जोकि सभी तरंग दैर्ध्य शामिल किये होता है।
यह खर्राटों की आवाज को हल्का कर देता है और हल्के शोर में शओने की शक्ति भी बढ़ाता है।
 व्हाइट नोइस प्राकृतिक आवाजें होती हैं जिन्हें इंटरनेट से डाउनलोड किया जा सकता है। 

व्हाइट नोइस के लिए टेबल फैन का इस्तेमाल करें

यदि कुछ भी काम नहीं करता है तो, खर्राते लेने वाले व्यक्ति से अलग जाकर सोएं,

 जहां तक उसकी आवाज न पहुंच पाए।

 यह आ पकी नींद को बचाने का एक ऐसा समाधान है

 तो आप आराम से और कभी भी कर सकते हैं। 

यदि आप अपने साथी के खर्राटों के प्रकोप से बचना चाहते हैं
, सिर के पास टेबल फैन चलाकर सोएं। फैन से आने वाली आवाज व्हाइट नोइस का काम करती है
और आप खर्राटों के बीच भी सो पाते हैं।

ईयर फोन लगाकर सोएं

अगर आपको संगीत को शौक है तो सोते समय ईयर फोन लगाकर मंद आवाज में स्लो म्यूजिक सुनें।
 हो सकता है कि ऐसा करना शुरुआत में आपके लिए थोड़ा असहज रहेगा लेकिन थोड़े ही
 समय में आपको इसकी आदत पड़ जाएगी और आप चैन की नींद ले पाएंगे।

खुद बीमार न बन जाएं

रात में सात घंटे की चैन भरी नींद पूरी न होने पर व्यक्ति के हार्मोंस प्रभावित होते हैं
 जिससे वजन बढ़ने लगता है। और जब वजन बढ़ता है तो खर्राटे आने लगते हैं,
 क्योंकि मोटापा और खर्राटे एक दूसरे से जुड़े होते हैं। तो यदि आप समय रहते कुछ नहीं करेंगे
 तो आप भी रोगी बन जाएंगे।

ईयर प्लग इस्तेमाल करें

यदि खर्राटों की आवाज ने आपकी नींद चुरा ली है तो ईयर प्लग आपको इस समस्या से बचा सकते हैं। बाजार में कई तरह के ईयर प्लग आते हैं अपने कान के हिसाब से कोई एक फिट ईयर प्लग ले और इन्हें लागाकर सोएं।  

समय रहते सचेत हों

खर्राटे लाना की स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत या फिर कारण हो सकता है, तो अपने और अपने साथी दोनों की हा भलाई के लिए जल्द से जल्द इस समस्या के संबंध में चिकित्सक से संपर्क कर इलाज कराएं। 

लो ब्‍लड प्रेशर होने पर तुंरत करें ये 5 काम

नमक का पानी

नमक का पानी लो ब्‍लड प्रेशर के लिए बड़े काम का है। इससे ब्लड प्रेशर सामान्य हो जाता है। नमक में सोडियम मौजूद होता है और यह ब्‍लड प्रेशर बढ़ाता है। ध्यान रहें, नमक की मात्रा इतनी भी ना दें कि इससे स्वास्‍थ्य पर बुरा असर पड़े। बहुत ज्यादा मात्रा में नमक सेहत के लिए फायदेमंद नहीं माना जाता। कम ब्लड प्रेशर में एक गिलास पानी में डेढ़ चम्मच नमक मिलाकर पी सकते हैं।

                     कैफीन का सेवन करें

कॉफी भी बड़े काम की है। ब्‍लड प्रेशर कम होने पर स्ट्रांग कॉफी, हॉट चॉकलेट, कोला और कैफीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से रक्तचाप सामान्‍य हो जाता है। यदि आपको अक्सर निम्न रक्तचाप रहता है तो आपको रोजाना सुबह एक कप कॉफी पीना चाहिए। लेकिन यह भी ध्‍यान रखें कि इसके साथ कुछ न कुछ जरूर खायें।

फायदेमंद है किशमिश

किशमिश को पारंपरिक आयुर्वेदिक दवा के रूप में देखा जाता है। लो ब्‍लड प्रेशर होने पर किशमिश खाना बहुत फायदेमंद होता है। रात में 30 से 40 किशमिश भिगो दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। जिस पानी में किशमिश भिगोई थी आप उस पानी को भी पी सकते हैं। महीने में आप ऐसा एक बार कर सकते हैं। इसके अलावा एक गिलास दूध में 4-5 बादाम, 15-20 मूंगफली और 10 से 15 किशमिश भी मिलाकर ले सकते हैं।

                                                                            गुणकारी है तुलसी

तुलसी कम होते ब्‍लड प्रेशर को सामान्य करने में मददगार साबित होती है। इसमें विटामिन सी, पोटैशियम, मैग्नीशियम जैसे कई तत्व पाए जाते हैं जो दिमाग को संतुलित करते हैं और तनाव को भी दूर करते हैं। जूस में 10 से 15 प‌त्तियां डाल दें। एक चम्मच शहद डाल दें और रोजाना खाली पेट इसका सेवन करें।


लेमन जूस पियें

लेमन जूस उच्च रक्तचाप में काफी फायदेमंद होता है लेकिन ये निम्‍न रक्तचाप में भी फायदेमंद होता है। जब डीहाइड्रेशन की समस्‍या हो तो यह बहुत ही उपयोगी है। कई बार लेमन जूस में हल्का सा नमक और चीनी डालकर पिया जा सकता है। इससे शरीर को एनर्जी मिलेगी। साथ ही लीवर भी सही से काम करता है।

                                            

हेल्‍दी खानपान और हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल अपनाने से भी लो ब्लड प्रेशर की समस्‍या नहीं होती है।

आंवले के प्रयोग से दूर करे एसिडिटी की समस्या

      आंवले  के प्रयोग से दूर करे एसिडिटी की समस्या


आंवले के चूर्ण को एक महत्वपूर्ण औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। 
आपको एसीडिटी की शिकायत होने पर सुबह- शाम आंवले का चूर्ण लेना चाहिए। आंवले के सेवन से एसीडिटी से निजात मिलती है






अदरक के सेवन से भी  एसीडिटी से निजात मिल सकती हैं
इसके लिए आपको अदरक को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर गर्म पानी में उबालना चाहिए और फिर उसके  पानी से  अदरक की चाय भी ले सकते हैं। 





मुलैठी का चूर्ण
या फिर इसका काढ़ा भी आपको एसीडिटी से निजात दिलाएगा इतना ही नहीं गले की जलन भी इस काढ़े से ठीक हो सकती है।





नीम की छाल 
को पीसकर उसका चूर्ण बनाकर पानी से लेने से एसीडिटी से निजात मिलती है। इतना ही नहीं यदि आप
चूर्ण का सेवन नहीं करना चाहते तो रात को पानी में नीम की छाल भिगो दें और सुबह इसका पानी पीएं आपको इससे निजात मिलेगी।


 मुनक्का या गुलकंद
के सेवन से भी एसीडिटी से निजात पा सकते हैं, इसके लिए आप मुनक्का को दूध में उबालकर ले सकते हैं या फिर आप गुलकंद के बजाय मुनक्का भी दूध के साथ ले सकते हैं।





अधिक मात्रा में पानी पीने, दोपहर के खाने से पहले पानी में नींबू और मिश्री का मिश्रण, नियमित रूप से व्यायाम और  दोपहर और रात के खाने के बीच सही अंतराल आदि सावधानियों से एसिडिटी की समस्या से बचा जा सकता है।